भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना Budget पेश किया है। इस बजट में कई ऐसी घोषणाएं की गई हैं, जो आम जनता के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगी। चाहे वह कैंसर के इलाज की सुविधाएं हों, स्टार्टअप को बढ़ावा देना हो, या फिर गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था करना हो, इस बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है। ये बजट आम आदमी के लिए कई सौगातें लेकर आया है,हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ खास है। ।आइए, इस Budget की 12 बड़ी घोषणाओं को विस्तार से समझते हैं।
1.कैंसर (cancer) के इलाज में बड़ी राहत: दवाएं सस्ती होंगी, हर जिले में खुलेंगे डे केयर सेंटर-
इस बजट (Budget) में कैंसर के मरीजों पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि देश के सभी 792 जिलों में cancer डे केयर सेंटर खोले जाएंगे। इस साल 200 जिलों में यह सेंटर शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा, 36 जीवनरक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) पूरी तरह से हटा दिया गया है।

वहीं, 6 अन्य जीवनरक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाओं की कीमत में काफी कमी आएगी।
सरकार ने 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, जो टैक्स-फ्री रहेंगे। इसका मतलब है कि इन कार्यक्रमों से जुड़ी सुविधाएं और दवाएं आम लोगों को सस्ती दरों पर मिलेंगी।
इसका असर:
अभी तक कैंसर के इलाज की 95% सुविधाएं शहरों में ही उपलब्ध हैं। इस घोषणा के बाद ग्रामीण इलाकों में भी कैंसर के इलाज की सुविधाएं शुरू हो सकेंगी। इससे गांवों के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
2. स्टार्टअप को बढ़ावा: 10 हजार करोड़ का फंड, छूट 5 साल बढ़ाई-
इस Budget में सरकार ने नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का एक नया फंड बनाया है। इस फंड का उद्देश्य वेंचर कैपिटल (निवेश) को बढ़ावा देना है, ताकि स्टार्टअप को आर्थिक मदद मिल सके। इसके अलावा, स्टार्टअप को मिलने वाली आयकर छूट को 2025 से बढ़ाकर 2030 तक कर दिया गया है। यानी अब स्टार्टअप को 5 साल और टैक्स छूट मिलेगी।
इसके साथ ही, सरकार ने देश में 500 करोड़ रुपये की लागत से तीन एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) उत्कृष्टता केंद्र खोलने की योजना बनाई है। ये केंद्र एआई कौशल को बढ़ावा देंगे और नई तकनीकों के विकास में मदद करेंगे।

इसका असर:
अभी देश में 1.52 लाख स्टार्टअप हैं, जो 17 लाख लोगों को रोजगार दे रहे हैं। इस Budget के नए फंड से और भी नए स्टार्टअप शुरू होंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
3. सीनियर सिटीजन के लिए बड़ी राहत: 1 लाख रुपये तक के बैंक ब्याज पर टीडीएस नहीं-
बजट में सीनियर सिटीजन (60 साल से अधिक उम्र के लोगों) के लिए दो बड़ी घोषणाएं की गई हैं। पहली, बैंक ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। यानी अब 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।
दूसरी घोषणा यह है कि जिन लोगों के पास पुराने नेशनल सेविंग्स स्कीम (एनएसएस) खाते हैं और उनमें अब ब्याज नहीं मिलता, उन्हें अगस्त 2024 के बाद की गई निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) के वात्सल्य खाते वालों को भी एनएसएस जैसे लाभ मिलेंगे।

इसका असर:
देश में 60 साल से ऊपर की उम्र के 15.8 करोड़ लोग हैं। 2050 तक यह संख्या 34 करोड़ हो जाएगी। इस घोषणा से बुजुर्गों को बड़ा फायदा होगा।
4. गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा: 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज-
इस Budget के माध्यम से गिग वर्कर्स (जो ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो जैसी कंपनियों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं) के लिए सरकार ने एक बड़ी योजना शुरू की है। इन कामगारों को अब पीएम-जय योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके अलावा, सभी गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा और उन्हें पहचान पत्र भी दिए जाएंगे। इससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इसका असर:
2021 में देश में 77 लाख गिग वर्कर्स थे, जो इस Budget के माध्यम से अब बढ़कर 1 करोड़ हो गए हैं। इस योजना से उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित होगी।
5. महिलाओं को प्रोत्साहन: एससी व एसटी महिलाओं को 2 करोड़ तक लोन-
- उद्यमी महिलाओं को मदद: एससी-एसटी वर्ग की जो महिलाएं पहली बार उद्यमी बनने जा रही हैं, उन्हें सरकार 2 करोड़ रुपए तक का कर्ज देगी। शुरुआत में यह लोन 5 लाख महिलाओं को मिलेगा। सरकार इन्हें वित्तीय सहायता के साथ ही मेंटरशिप की ट्रेनिंग भी दिलाएगी।
- पोषण योजनाओं को बढ़ावा: महिलाओं और बच्चों के पोषण को मजबूत बनाने के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजनाएं बढ़ाई जाएंगी।

इसका असर:
इस Budget में सम्मिलित महिलाओं को प्रोत्साहन योजना से आदिवासी और दलित वर्ग की महिलाओं को उद्यम शुरू करने का मौका मिलेगा। पोषण योजना से 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को लाभ होगा।
6. एफडीआई को बढ़ावा: बीमा सेक्टर में 100% विदेशी निवेश को मंजूरी-
इस Budget के माध्यम से बीमा क्षेत्र में अब 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा 74% थी। हालांकि, इसके साथ एक शर्त जोड़ी गई है कि निवेशकों को अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करना होगा। इस घोषणा के बाद एलआईसी, एचडीएफसी लाइफ, न्यू इंडिया इंश्योरेंस और एसबीआई लाइफ जैसी कंपनियों के शेयरों में 3% तक की बढ़त देखी गई।
इसका असर:
इससे बीमा क्षेत्र में भारी निवेश आएगा, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही, प्रतिस्पर्धा बढ़ने से बीमा प्रीमियम सस्ता होगा।
7. सस्ते घरों की योजना: 40,000 घर इस साल सौंपे जाएंगे-
- सस्ते घर योजना: इस साल सरकार 40 हजार सस्ते घर लोगों को सौंपेगी। ये घर उन लोगों को दिए जाएंगे, जो अपार्टमेंट खरीदने के लिए लोन ले चुके हैं, लेकिन अपार्टमेंट तैयार नहीं होने के चलते अभी किराए के घर में रह रहे हैं।
- विशेष विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग स्कीम: यह पहल ‘विशेष विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग स्कीम’ का हिस्सा होगी। इसके तहत 1 लाख सस्ते घरों के निर्माण के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का फंड तैयार होगा।

इसका असर:
इस Budget में सम्मिलित सस्ते घरों की योजना से देश में करीब 1.18 करोड़ घरों के निर्माण को गति मिलेगी।
8. ईवी को बढ़ावा: बैटरी निर्माण सामग्री पर कस्टम ड्यूटी खत्म –
- घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन: घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स इंसेंटिव शुरू किए गए हैं। इसमें कोबाल्ट पाउडर, जिंक, लेड, लीथियम-आयन बैटरी और अन्य स्क्रैप जैसे खनिजों से बेसिक कस्टम ड्यूटी हटा दी गई है।
- सेमीकंडक्टर और बैटरी उत्पादन को बढ़ावा: ये सभी चीजें सेमीकंडक्टर और बैटरी जैसी चीजों को बनाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, ईवी निर्माण में जरूरी 35 एडिशनल चीजें और फोन बैटरी बनाने में काम आने वाली 28 चीजें भी कर मुक्त की गई हैं।
इसका असर:
इससे ईवी की उत्पादन लागत कम होगी और इस Budget से भारत की लीथियम बैटरी के लिए चीन पर निर्भरता कम होगी।
9. Employment: 5 साल में 2 करोड़ से ज्यादा को काम-
- रोजगार के नए अवसर: केंद्र ने कुछ नई योजनाएं घोषित की हैं। इससे 5 साल में फुटवियर व चमड़ा इंडस्ट्री में 22 लाख रोजगार बनेंगे। हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, धार्मिक पर्यटन के लिए कुशल कार्यबल तैयार होगा। होम स्टे के लिए मुद्रा लोन मिलेगा, जिससे 50 लाख रोजगार आएंगे।
- एमएसएमई और स्टार्टअप को बढ़ावा: एमएसएमई को छूट और स्टार्टअप के 10 हजार करोड़ के बजट से 50 लाख और पीएम स्वनिधि विस्तार योजना से 10 लाख से ज्यादा नए स्ट्रीट वेंडर्स को अवसर मिलेंगे। गांवों में तकनीकी और कौशल प्रशिक्षण देने की स्कीम से करीब 50 लाख नए रोजगार बनेंगे।
- असर: Budget में सम्मिलित इन योजनाओं से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
10. ज्वैलरी: सोना और चांदी के आयातित आभूषण सस्ते होंगे-
- सीमा शुल्क में कटौती: ज्वैलरी और उससे संबंधित आयातित उत्पादों पर सीमा शुल्क को 25% से घटाकर 20% किया गया है। यह कटौती 2 फरवरी यानी रविवार से लागू होगी।
- प्लेटिनम ज्वैलरी भी सस्ती: इसमें आभूषणों के विभिन्न हिस्से, गोल्डस्मिथ, सिल्वरस्मिथ के उत्पाद शामिल हैं। प्लेटिनम फाइंडिंग्स पर भी कस्टम ड्यूटी 25% से घटाकर 6.4% कर दी है। इससे प्लेटिनम ज्वैलरी की कीमत कम होगी।
- लैब में बने हीरों को प्रोत्साहन: लैब में हीरा बनाने के लिए आयातित बीजों पर कस्टम ड्यूटी में छूट खत्म कर दी गई है।

असर: सोना-चांदी की घरेलू कीमतें गिर सकती हैं और मांग बढ़ेगी। लैब में बने हीरों का निर्यात बढ़ेगा।
11. किसान: सब्सिडी वाले कार्ड पर 5 लाख तक कर्ज ले सकेंगे-
- किसानों को कर्ज में राहत: सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर 5 लाख रुपए तक कर्ज ले सकेंगे। अभी यह सीमा 3 लाख है। इससे 7.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
- नई कृषि योजना: 100 जिलों में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना लॉन्च की जाएगी। ये वो जिले हैं, जहां उत्पादन कम होता है और औसत से कम क्रेडिट पैरामीटर है। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
- ग्रामीण समृद्धि कार्यक्रम: गांवों में रोजगार के नए अवसर तैयार करने के लिए ग्रामीण समृद्धि कार्यक्रम आएगा।
असर: देश में 7.75 करोड़ केसीसी कार्ड हैं। नई घोषणा से समय पर कर्ज चुकाने वालों को लाभ होगा।
12. एमएसएमई को बढ़ावा: 2.50 करोड़ निवेश वाले सूक्ष्म उद्यम होंगे-
- एमएसएमई की नई परिभाषा: सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इनमें से एक प्रमुख घोषणा एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव से संबंधित है। अब, निवेश और टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई को नए सिरे से परिभाषित किया गया है।
- सूक्ष्म उद्यम: जो उद्यम 2.5 करोड़ रुपए (पहले 1 करोड़ रुपए) तक निवेश करते हैं, वे सूक्ष्म उद्यम कहलाएंगे। यानी, छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले और कम निवेश वाले उद्यम अब सूक्ष्म उद्यम की श्रेणी में आएंगे।
- लघु उद्यम: जो उद्यम 25 करोड़ रुपए (पहले 10 करोड़ रुपए) तक निवेश करते हैं, वे लघु उद्यम कहलाएंगे। मध्यम स्तर पर कारोबार करने वाले और अपेक्षाकृत अधिक निवेश वाले उद्यम अब लघु उद्यम की श्रेणी में आएंगे।
- मझोले उद्यम: जो उद्यम 125 करोड़ रुपए (पहले 50 करोड़ रुपए) तक निवेश करते हैं, वे मझोले उद्यम कहलाएंगे। बड़े स्तर पर कारोबार करने वाले और अधिक निवेश वाले उद्यम अब मझोले उद्यम की श्रेणी में आएंगे।
- टर्नओवर के आधार पर परिभाषा: इसके साथ ही, टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई को परिभाषित किया गया है। 10 करोड़ रुपए टर्नओवर वाले सूक्ष्म, 100 करोड़ रुपए वाले लघु और 500 करोड़ रुपए टर्नओवर वाले मझोले उद्यम कहलाएंगे।
असर: एमएसएमई की नई परिभाषा से ज्यादा उद्यमों को लाभ मिलेगा। इससे उन्हें ज्यादा लोन मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस बदलाव से उन्हें अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस तरह, बजट 2024-25 में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है। यह बजट आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।






